प्रेम परीक्षा
प्रेम मिलन रूह से रूह का,
रूह से रूह विछोह भी है!
प्रेम पवित्र एक बंधन है,
प्रेम धोखे का जनक भी है!
प्रेम मृगतृष्णा है मन की,
प्रेम सुन्दर महक है तन की,
प्रेम छाँव ठण्डक जीवन की,
प्रेम सुलगती धूप भी है!
प्रेम सुकूं है इस जीवन का,
सौंधी मिट्टी के सावन का,
प्रेम रूह महकता पुष्प है,
प्रेम नफरत का बीज भी है!
प्रेम पौधा सघन पनपता,
बिन प्रेम सिंचन मुरझाता,
सागर जैसी गहराई है,
नफ़रत का ये निशान भी है!
जीवन सुख की सरगोशी है,
बुझती सांसें ख़ामोशी है,
पवित्र प्रेम है लौ जीवन की,
उजली चुनरिया दाग भी है!
प्रेम रूप परम सुखदाई,
जैसे चकमक आग समाई,
प्रेम कसौटी पर संगम है,
परमेश्वर की आस भी है!
प्रेम परीक्षा है परोक्ष की,
प्रेम बनाए राह मोक्ष की,
हट जाए जब मैं का बंधन,
"श्री"कृष्ण मिलन की चाह भी है!
स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान)
Mohammed urooj khan
06-Nov-2023 12:15 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
02-Nov-2023 08:38 AM
सुन्दर सृजन
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Sarita Shrivastava "Shri"
03-Nov-2023 07:36 AM
🙏🙏
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Babita patel
02-Nov-2023 08:10 AM
V nice
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Sarita Shrivastava "Shri"
03-Nov-2023 07:36 AM
🙏🙏
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